Written by Shailee Chaudhary
Translated by Sweetie Chaurasiya

 

 

बारा के सिम्रौनगढ नगरपालिका के वार्ड नम्बर ५ के वडा समिति से “अविवाहित महिला लोग के मोबाइल फोन प्रयोग में रोक लगावल आ महिला साथे लइकी लोग के इन्टरनेट के पहुँच सार्वजनिक नैतिकता वा सभ्य व्यवहार विपरीत होखे सके के धारणा राख्ते हुवे मोबाईल फोन प्रयोग कइल मिलला पर ५० हजार रोपेया जरिवाना तोकल अवस्था में मिलल बा । इ  केवल मोबाइल फोन से लईकी सब सादी कर के भाग जाइ कह के विश्वास के आधार में बनावल गईल नियाम रहे आ स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि ए नियम से महिला र लइकी सब में डर आ प्रतिबन्ध के भावना सिर्जना होके कह के प्रयास कइले रहे लोग ।

ई नेपाल के संविधान से सुनिश्चित भइल मौलिक अधिकार के हनन के प्रष्ट उदाहरण ह । एह्तरिया, बहुते मानवअधिकार रक्षक, पत्रकार आ नागरिक समाज से ई घोषणा के विरुद्ध आवाज उठला के कारण स्थानीय प्रतिनिधि लोग ई नियम घोषणा कइला के कुछे घण्टा बाद नियम के बर्खास्त करे के बाध्य भइल लोग । ई इहाँ पढे सकल जाई ।

प्रतिबन्ध फुकुवा भइला पर भी प्रतिबन्ध लगावे वाला निर्णय से स्थानीय जनप्रतिनिधि आ स्थानीय खुसी भइल बा लोग । एकरा से युवा युवती आ महिला सब द्वारा इन्टरनेट के पहुँचप्रति आदमी सब के पक्षपाती धारणा के चित्रण कइल जा सकता ।

विकसित देशसब में सूचना के प्रसार आ सञ्चार के सहज बनावे खातिर प्रविधि के अत्यावश्यकता देख सकल जाता । जवन विकास के खातिर और भी सहयोगी साबित भइल बा । सूचना आ सञ्चार प्रविधि (ICT) आ विकास (ICTD) प्रतिमान में अनुसन्धान सब के एक श्रृंखला से इन्टरनेट अपनावे के भा विकास, विशेष करके आर्थिक वृद्धि (जइसे Qiang et al.., 2009)  बीच के सम्बन्ध के प्रमाण प्रस्तुत कइले बा ।

यी सभी बात के ध्यान में राखत, नेपाल में नीति निर्माता सब से समुदाय के पहुँच आ किफायती जइसन कइयन पक्ष सब में कवनो गहीर मूल्याङ्कन ना करके हि आईसीटी के खातिर पूर्वाधार निर्माण करे खातिर दोहोरावत आईल बाड्लोग ।

उदाहरण के खातिर, ब्रोडब्याण्ड नीति (२०१५) से २०२० तक में सभी जीला सब के अप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोडे के लक्ष्य रखले रहे, जवन शहर केन्द्रित इन्टरनेट सुविधा, कम आम्दानी भइल बड्का जनसङ्ख्या, गुणस्तरहीन इन्टरनेट जडान जइसन कारणसब के चलते एकदमे सफल होखे ना सकल ।

लेकिन इहाँ वास्वत्विक प्रश्न इ बा कि घरायसी आ सार्वजनिक स्थान में इन्टरनेट के पर्याप्त पहुँच के अभावा में नेपाल में विशेष करके दक्षिणपूर्वी मधेश क्षेत्र में ब्रोडब्यान्ड सेवा के पहुँच आ अनुभव भी नारीवादी लेन्स में परल बा ।

आर्थिक वर्ष २०७६/७७ तक मिलियन प्रयोगकर्तासब से कोभिड–१९ के महामारी आ सालभर देशव्यापी बन्दाबन्दी भइला परभी कोर कमिटी में पाँचजना ब्राह्मण पुरुष ही समावेश भइल नेपाल दूरसञ्चार प्राधिकरण से मोबाइल इन्टरनेट प्रयोगकर्ता में बितल वर्ष के तुलना १२.१४ प्रतिशत वृद्धि भइल के दाबी कइले बा । बाकिर, इन्टरनेट के पहुँच के अन्तर्राष्ट्रिय दूरसञ्चार संघ द्वारा रिपोर्ट गइल रहे आ नेपाल के मधेश क्षेत्र में लैङ्गिक आधार में अनुमान कइल जइसन पहुँच व्यापक नइखे । साँस्कृतिक मेलमिलाप के केन्द्र बनल मधेश अभिन भी दैनिक व्यवहार में रहल विकृति हटावे नइखे सकल । व्यक्तिगत आ व्यावसायिक स्पेक्ट्रम में पुरुष आ महिला आ/वा गैर-बाइनरी व्यक्तिलोग के खातिर भूमिका असाइनमेन्ट में असमानतासब के उपस्थिति में, ई युवा लइकिसब आ गैर-बाइनरी आदमी लोग के इन्टरनेट के पक्षपाती पहुँच अवलोकन करे खातिर एकदम स्पष्ट बा ।

एकारा अलावा, लइकीसब के इन्टरनेटम के पहुँच “महिला लोग” के पालनपोषण में प्रतिकूल असर करेला कहके विश्वास कइलजाला जेकर परिणाम स्वरूप “अनैतिक” बातसब जइसे कि प्रियजन साथे भाग जाएके, उ लोग के मानदण्ड कमजोर बनावे के (“गैर संस्कारी”), बालविवाह, बहुत अन्य । इ बीच, इन्टरनेट से उ लोग के मान आ जिम्मेवारी प्रति एक “आदर्श” समाज होखे के विपरित करेके विचार कइल जाला । दोसर शब्द में कहलजाव त उ लोग “नारीवादी” बन सक्तालोग जेकरा पितृसत्तात्मक समाज में कुरूपतावादी आदमिसब से कवनो ना कवनो रुप में शत्रु के रूप में बुझेला लोग ।

आपना के अभिव्यक्त करेखातिर अनलाइन स्पेस के पहुँच में सभि के समान अधिकार बा कहके कहल कहावत के उल्टा मधेश में ई मामला एकदमें विरोधाभासपूर्ण बा । मधेश के अलगअलग जीला में ब्रोडब्यान्ड सेवा उपलब्ध करइला पर भी बहुत महिला लोग के इन्टरनेट के पहुँच नइखे मिले सकल । ई गृहिणी आ युवती लोग में खालि लागु ना होइ लेकिन बहुत निर्वाचित महिला वडा अधिकारीसब, सदस्यसब आ स्थानीय प्रतिनिधि लोग, विशेष क के मधेश के दुर्गम भाग में लागू होइ । ओहि समय में, दलित, मुसलमान, जनजाति आ अउरी अल्पसंख्यक समुदाय के महिला आ युवती सब से  इन्टरनेट पहुँच करे खातिर लगभग असम्भव महसुस करेला लोग काहे की उ लोग के स्वतन्त्र जीवन बितावाल भी मुस्किल बा, स्मार्टफोन, कम्प्युटर आ ब्रोडब्यान्ड सेवा सब के कवनो भी विलासिता के त बाते छोड्दी ।

माकिर, समय परिवर्तन सँगे इन्टरनेट बहुआयामिक आ बहुआयामिक सेवा में विस्तार भइल बा । विशेष कर के लकडाउनके समय में आ बाद में सञ्चार, व्यापार, मनोरञ्जन आ अउर महत्त्वपूर्ण बात सामाजिक सञ्जाल के प्रयोग आ ओकरा अलावा नयाँ जानकारी आ गुण सब सिखेवाला जइसन कइन कारण से मधेशी युवा लोग इन्टरनेट के प्रयोग में जादा घुसल लोग । इन्टरनेट के आगमन साथे, हमनी के संसार एक विशाल गावं में संकुचित भइल बा ।

इन्टरनेट नयाँ सीप प्राप्त करे खातिर आ आपना आप के सशक्त बनावे खातिर मद्दत करेला । सर्च इन्जिन में एगो साधारण किवर्ड खोज से इन्टरनेट स्पेस में बहुत जानकारी, स्रोत सब आ नेटवर्किङ प्राप्त कइल जा सकता जहाँ एक जना के कल्पना कइल जौन भी बात सिखे के आ करेके मिलजाई, उ राजनीत होखे, लैङ्गिक पहिचान, मिथिला चित्रकला भा अउर कुछ भी होखे । एकरा से देश भर के लोग के बीच के कमि हटावेला आ घरसे हि विश्वव्यापी सम्बन्ध विस्तार करेला मदत करेला । अभीए, इन्टरनेट हमरा के हमार अनुवाद कौशल फ्रीलान्स करे के अनुमति देलेबा, जौन हमरा के बढिया से पइसा भी कमा के देता । लेकिन, एकर प्रयोगकर्ता लोग आ समग्र रूप में समाज के खातिर आधुनिक युग के सभी प्राविधिक आविष्कार सब जइसे कि, इन्टरनेट के कुछ प्रतिकूल परिणामसब बाडसन जवन बड्का खतरा लियावेला, विशेष करके डिजिटल गोपनीयता आ डेटा उल्लङ्घन ।

साथे, इन्टरनेट के चुनौती सब जिते खातिर मद्दत करेला कहल तथ्य के बावजुद, ई नेपाल में बड्का IPS दाम आ डाटा ट्यारिफ के साथ महँगा बा । एकरा साथासाथे इन्टरनेट में आदान प्रदान होखेवाला व्यक्तिगत जानकारी के मात्रा एतना जादा बा कि व्यक्तिगत गोपनीयता जोखिम में बा । ई पहिचान चोरी के मात्र एक मुद्दा ना ह । अभीए पर्सा के एगो १४ बरिस के लइका चलचित्र निर्माता के सामाजिक सञ्जाल ह्याक कर के हुनकर साथीभाइ से पइसा मांगल घट्ना बाहर आईल रहे । घटना इहा पढ सकल्जाई । हमानी के सभी घटना अब  इन्टरनेट के उपयोग के परिसर में भण्डारण कइल गइल बा । एकर मतलब हमानी के मेडिकल रेकर्ड, आपराधिक रेकर्ड, शैक्षिक रेकर्ड आ वित्तीय रेकर्ड कइन साइटसब के सुरक्षा में पूर्ण रूपसे निर्भर बाडसन ।

 

ई सभी संघर्ष के बाद, यदि कवनो महिला अन्ततः इन्टरनेट में पहुँच प्राप्त करतारी आ अनलाइन स्पेस में आपन विचार सिखे के आ अगाडि राखे के खातिर एकर प्रयोग करतारी त “घृणा टिप्पणी”, “बलात्कार के धम्की” आ कुछलोग त सामूहिक हत्या जैसन घटना के भी सिकार बनेली । बहुत प्रतिष्ठित मधेशी महिला लोग नियमित रूपमा अनलाइन उत्पीडन, दुर्व्यवहार आ ट्रोलिङ के सामना करेला लोग । पूर्व सांसद्  सरिता गिरी, मानवअधिकार अभियन्ता मोहना अन्सारी, मिथिला कलाकार आ कवयीत्री सपना सञ्जीवनी से भोगल पछिल्का घटनासब एकर जिता जागता उदाहरण ह ।

ओहितरे प्रख्यात पत्रकार भा सामाजिक अभियन्तासे अनलाइन दुव्र्यवहार में परल अर्घाखाँची के एक महिला निरन्तर संघर्ष आ अपिल कइला पर भी न्याय लेवे नइखी सकल । मधेश के कइयन भाग में महिला आ युवती लोग के खातिर इन्टरनेट के पहुँच आ प्रयोग के अनुभव बहुते दुःखदायी आ निराशाजनक बा । अनलाइन स्पेस के कइयन शीर्षक में महिला आ युवतीलोग के बदनाम करे खातिर अपमानजनक तरिकासे प्रयोग कइल गइल बा । एक्काइसवा शताब्दी में भी हमनि के समाज अभि भी उहें पुरानाका पितृसत्तात्मक मान्यता से घेराइल बा जाहा महिला आ युवती लोग के घरके चारगो टाटि के बीच में राखल जाला आ उ लोग से आपन आवाज बिना दास के रुप में काम करेके अपेक्षा करल जाला । महिला चाहे गैर-बाइनरी व्यक्ति लोग से अभिन भी लम्बा यात्रा करे के बाकी बा आ ई अस्वस्थ प्रतिबन्धसब आ गहिरा रूप में स्थापित कलंक सब के हटावे खातिर समाज आ सरकार के कइयन तहसब में अभिन बहुते प्रयास के आवश्यकता भी परी ।

 

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Photo of Shailee Chaudary, smiling, ling hair wearing denim jacket.Born and raised in Birgunj, Nepal, Shailee Chaudhary is a young activist who strives to encourage and motivate young people to think creatively. She has recently completed her tenure as the chairperson of a not-for-profit organization, Sanskriti, that provides platforms for young artists. Simultaneously handling her studies, activism and business, she has also organized some historic events like TEDxBirgunj. Chaudhary has also been rigorously advocating for the equitable rights of people from different intersections and their inclusivity through her various initiatives. She carves herself out through her writings, and some of which could be read on Medium.